Tuesday, September 20, 2016

Saraswati Vandana in Sanskrit with Meaning - सरस्वती वन्दना अर्थ सहित


Read about the prayer of Saraswati Vandana. Here given below some line of Saraswati Vandana in Sanskrit with the means.
सरस्वती वन्दना संस्कृत मे अर्थ सहित दी जा रही हैं।



या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता ।
या वीणावरदण्डमणितकरा या श्वेतपदमासना ।।
या ब्रह्माडच्युतशंकरप्रभृतिर्देवैः सदा वन्दिता ।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ।। 1।।


अर्थ : जो विद्या की देवी कुन्द के फूल, चन्द्रमा ,हिमराशि औऱ मोती के हार की तरह धवल वर्ण की है ,जो श्वेत वस्त्र धारण करती हैं, जिनके हाथ मे वीणा औऱ दण्ड शोभायमान है तथा जिन्होंने श्वेत कमल पर आसान ग्रहण किया है, ब्रह्मा, बिष्णु औऱ महेश तथा अन्य देवता जिसकी वन्दना करते है, वही सम्पूर्ण जड़ता औऱ अज्ञान को दूर कर देने वाली भगवतीं सरस्वती हमारी रक्षा करें।


शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमाम् आद्यां जगद् व्यापिनीम् ।
वीणापुस्तकधारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।।
हस्ते स्फाटिकमालिका विंदधतीं पद्यासने संस्थिताम् ।
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धि प्रदां शारदाम् ।।2।।


अर्थ: शुक्ल वर्ण वाली, सम्पूर्ण चराचर जगत मे व्याप्त ,आदिशकि्त परब्रह्म के विषय मे किए गये विचार एंव चिन्तन के सार रूप परम उत्कर्ष को धारण करने वाली ,सभी भयों से अभयदान देने वाली ,अज्ञान के अंधकार को मिटाने वाली, हाथों मे वीणा -पुस्तक औऱ स्फाटिक की माला धारण करने वाली , पद्मासन पर विराजमान ,बुद्धि प्रदान करने वाली सर्वोच्च एश्वर्य से अलंकृत , भगवती शारदा की मैं वन्दना करता हूँ।