Brani Geet (Babul ka Ghar Chhodkar) in Hindi



Read about the Barni (babul ka ghar chodkar). Here given some line of barni.
(बाबुल का घर छोडकर) बरनी हिंदी मे दी जा रही है।



बाबुल का घर छोड़ कर बरनी हो गयी आज पराई रे।

जिन गलियों मे बचपन बीता खोली आँख जवानी रे।

उन गलियों से किया इशारा घर की उस पटरानी ने।

बाबुल...............................

मइया रोवे, बहना रोवे,रोवे संग सहेली रे।

माँ को जायो बीरन रोवे,छोड़ चली माँ जाई रे।

बाबुल का घर छोड....................

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