Saturday, February 18, 2017
Eassy on Dr. C. V. Raman in hindi - डा. सी. वी रमन पर निबंध
Read about the eassy on Dr. C V Raman. Here given some line on Dr. C V Raman for educational purpose.
डा. सी वी के जीवन पर संक्षिप्त निबंध हिंदी मे दिया जा रहा है।
चंद्रशेखर वेंकट रमन का जन्म 7 नवंबर,1888 को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली के एक छोटे से गांव थिरुवनैक्कवल मे हुआ था।इनकी माता का नाम पार्वती अम्मल औऱ इनके पिता का नाम आर.चन्द्रशेखर अय्यर था। इनके पिता गणित एवं विज्ञान के अध्यापक थे।इनके व्यक्तिव पर इनके पिता की अमिट छाप दिखाई देती है।
बचपन मे इन्होंने श्रीमान आयंगर से अंग्रेजी सीखी। 11वर्ष की उम्र मे ही इन्होंने दसवीं की परीक्षा पास कर ली। सन् 1901 मे अवर स्नातक की परीक्षा पास की।ये असाधारण प्रतिभा के धनी थे।कम उम्र मे ही इन्होंने अपनी शिक्षा पूरी कर ली।
रमन का जीवन सादगी एंव सरलता से परिपूर्ण था।इनकी पत्नी का नाम लोकसुंदरी था। सन् 1906 मे रमन ने एम.एससी.की परीक्षा उत्तीर्ण की।इसके पश्चात इन्हें वित्त विभाग मे लेखाकार की नौकरी प्राप्त हुई।किन्तु रमन सरकारी सेवा करते रहने से संतुष्ट नहीं थे।वे तो विज्ञान के क्षेत्र मे परचम लहराना चाहते थे।
सन् 1922 मे रमन ने ' प्रकाश का आणविक विकिरण 'नामक मोनोग्राफ का प्रकाशन किया।
सन् 1927 मे रमन वाल्टेयर गए।वहाँ इन्होंने ' क्रांपटन प्रभाव ' पर एक लेख लिखा। जिस तरह' क्रांपटन प्रभाव' का अस्तित्व हैं, उसी तरह प्रकाशकीय तत्व का भी अस्तित्व हैं।28 फरवरी,1928 को इनका अनुसंधान का काम पूरा किया।इन्होंने उसे 'रमन प्रभाव' का नाम दिया।'रमन प्रभाव' की खोज रमन के जीवन की सबसे बडी सफलता थी।
सन् 1930 मे रमन को नोबल पुरस्कार प्रदान किया गया।
सन् 1933 मे रमन भारतीय विज्ञान संस्थान के प्रथम भारतीय निदेशक बने।
रमन ने ' प्रकाशिकी गुण' एवं 'एक्स रे स्थलाकृति' तथा'प्रकीर्णन 'जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर अनुसंधान के लिए चयन किया गया था।विज्ञान के क्षेत्र मे भारत को श्रेष्ठ बनाने के लिए देश के युवाओं मे विज्ञान के प्रति रुचि जाग्रत करने के लिए अनेक प्रेरक काम किए।
21 नवंबर,1970 मे विज्ञान जगत की महान हस्ती का इस संसार से विदा हो गया।